जय हो जीण जमुवाय,
भवानी जय हो जीण जमुवाय।
कुल कच्छावा कुलदेवी माँ,
भवन दियो बणवाय।।
भवानी जय हो जीण जमुवाय।
कुल कच्छावा कुलदेवी माँ,
भवन दियो बणवाय।।
बीच पहाड़ा रामगढ़ र
थर्प दियो थारो थान।
ज्योत जगे दिन रात मैया री
ध्वजा फरूके असमान।
जय हो जीण जमुवाय,
भवानी जय हो जीण जमुवाय।
कुल कच्छावा कुलदेवी माँ,
भवन दियो बणवाय।।
थर्प दियो थारो थान।
ज्योत जगे दिन रात मैया री
ध्वजा फरूके असमान।
जय हो जीण जमुवाय,
भवानी जय हो जीण जमुवाय।
कुल कच्छावा कुलदेवी माँ,
भवन दियो बणवाय।।
ढोल नगाड़ा और झांझ री
छणक री झणकार।
धाम मैया र नित उठ देखो
हो रही जय जयकार।।
जय हो जीण जमवाय,
भवानी जय हो जीण जमुवाय ।
कुल कच्छावा कुलदेवी माँ,
भवन दियो बणवाय।।
छणक री झणकार।
धाम मैया र नित उठ देखो
हो रही जय जयकार।।
जय हो जीण जमवाय,
भवानी जय हो जीण जमुवाय ।
कुल कच्छावा कुलदेवी माँ,
भवन दियो बणवाय।।
लड़ दुश्मन सूं जद महाराणी
वीर पड़्या मैदान।
सुण राणी री करुण वेदना
दियो अभय वरदान।
जय हो जीण जमुवाय ,
भवानी जय हो जीण जमुवाय ।
कुल कच्छावा कुलदेवी माँ,
भवन दियो बणवाय।।
वीर पड़्या मैदान।
सुण राणी री करुण वेदना
दियो अभय वरदान।
जय हो जीण जमुवाय ,
भवानी जय हो जीण जमुवाय ।
कुल कच्छावा कुलदेवी माँ,
भवन दियो बणवाय।।
गऊ रूप अवतारी माता
दियो दूध रो दान।
टुट्या घोड़ा भागण लाग्या
जीत लियो घमसाण।।
जय हो जीण जमुवाय ,
भवानी जय हो जीण जमुवाय ।
कुल कच्छावा कुलदेवी माँ,
भवन दियो बणवाय।।
दियो दूध रो दान।
टुट्या घोड़ा भागण लाग्या
जीत लियो घमसाण।।
जय हो जीण जमुवाय ,
भवानी जय हो जीण जमुवाय ।
कुल कच्छावा कुलदेवी माँ,
भवन दियो बणवाय।।
खीर चूरमा और मैया र
लडवां रो नित उठ भोग।
जात जड़ूला और लागे है
गठजोड़ा री धोक ।।
जय हो जीण जमुवाय ,
भवानी जय हो जीण जमुवाय ।
कुल कच्छावा कुलदेवी माँ,
भवन दियो बणवाय।।
लडवां रो नित उठ भोग।
जात जड़ूला और लागे है
गठजोड़ा री धोक ।।
जय हो जीण जमुवाय ,
भवानी जय हो जीण जमुवाय ।
कुल कच्छावा कुलदेवी माँ,
भवन दियो बणवाय।।
शेखाणा री शाख राखज्यो
कुलदेवी महामाय।
भक्त खड़या अरदास करे माँ
भक्त री सदा सहाय।।
जय हो जीण जमुवाय ,
भवानी जय हो जीण जमुवाय ।
कुल कच्छावा कुलदेवी माँ,
भवन दियो बणवाय।।
कुलदेवी महामाय।
भक्त खड़या अरदास करे माँ
भक्त री सदा सहाय।।
जय हो जीण जमुवाय ,
भवानी जय हो जीण जमुवाय ।
कुल कच्छावा कुलदेवी माँ,
भवन दियो बणवाय।।
कुंवर थारो चरणा रो चाकर
विनती लीज्यो मान।
नित उठ रहूँ चरण में हाजीर
देड्यो ओ वरदान।।
जय हो जीण जमुवाय ,
भवानी जय हो जीण जमुवाय ।
कुल कच्छावा कुलदेवी माँ,
भवन दियो बणवाय।।
विनती लीज्यो मान।
नित उठ रहूँ चरण में हाजीर
देड्यो ओ वरदान।।
जय हो जीण जमुवाय ,
भवानी जय हो जीण जमुवाय ।
कुल कच्छावा कुलदेवी माँ,
भवन दियो बणवाय।।