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BOSS :-अगर मेरे हवाई जहाज़ में 50 ईंटे हो और मैं एक नीचे फ़ेंक दूं तो कितने बचेंगे ?
Employee :- 49

BOSS :-तीन वाक्य में बताओ कि हाथी को फ्रीज़ में कैसे रखा जाये ?
Employee :- (1) फ्रीज़ खोलिए, (2) हाथी को उसमे रखिये और (3) फ्रीज़ बंद
कर दीजिये !

BOSS :-अब 4 वाक्य में बताओ कि हिरन को फ्रीज़ में कैसे रखा जाये ?
Employee :- (1) फ्रीज़ खोलिए (2 ) हाथी को बाहर निकालिए (3) हिरन
को अन्दर रखिये 4)फ्रीज़ ...बंद कर दीजिये!

BOSS :-आज जंगल में शेर का जन्मदिन मनाया जा रहा है, वहां एक को छोड़ कर सब जानवर मौजूद है, बताओ कौन गैरमौजूद है?
Employee :- हिरन, क्योंकि वो फ्रीज़ में बंद है !

BOSS :- बताओ, एक बूढी औरत मगरमच्छो से भरी तालाब को कैसे पार कर सकती है ?
Employee :- बड़े आसानी से, क्योंकि सारे मगरमच्छ शेर के जन्मदिन के पार्टी में गए हैं!

BOSS :- अच्छा आखिरी सवाल, वो बूढी औरत मर कैसे गयी?
Employee :- hmmmmm ....... लगता है सर कि वो तालाब में फिसल
गयी अथवा गिर गयी होगी..... Errrrrrrrrrrr..

BOSS:- अबे गधे, उसके सिर पर ईंट लगी थी जो मैंने Airplane से फेंकी थी,
यही problem है कि तुम अपने काम में जरा भी ध्यान नहीं लगाते हो और
तुम्हारा दिमाग कही और रहता है,
You should always be focused on your job ! Understand ?
.
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Morel:- जितना मर्ज़ी PREPARE कर लो अगर बोस ने ठान ली है
तो बो तुम्हारी बजा के रहेगा.


फेसबुक सा फेस है तेरा, गूगल सी हैं आँखें,
एंटर करके सर्च करूँ तो बस मुझको ही ताकें|
रेडिफ जैसे लाल गाल तेरे हॉटमेल से होंठ,
बलखा के चलती है जब तू लगे जिगर पे चोट|
सुराही दार गर्दन तेरी लगती ज्यों जी-मेल,
अपने दिल के इंटरनेट पर पढ़ मेरा ई-मेल |
मैंने अपने प्यार का फारम कर दिया है अपलोड,
लव का माउस क्लिक कर जानम कर इसे डाउनलोड|
हुआ मैं तेरे प्यार में जोगी, तू बन जा मेरी जोगिन,
अपने दिल की वेबसाईट पर कर ले मुझको लोगिन|
तेरे दिल की हार्डडिस्क में और कोई न आये,
करे कोई कोशिश भी तो पासवर्ड इनवैलिड बतलाये |
गली मोहल्ले के वायरस जो तुझ पर डोरे डालें,
एन्टी वायरस सा मैं बनकर नाकाम कर दूँ सब चालें|
अपने मन की मेमोरी में सेव तुझे रखूँगा,
तेरी यादों की पैन ड्राइव को दिल के पास रखूँगा|
तेरे रूप के मॉनिटर को बुझने कभी न दूँगा,
बनके तेरा यू पी एस मैं निर्बाधित पावर दूँगा |
भेज रहा हूँ तुम्हें निमंत्रण फेसबुक पर आने का,
तोतों को मिलता है जहाँ मौका चोंच लड़ाने का|
फेसबुक की ऑनलाईन पर बत्ती हरी जलाएंगे,
फेसबुक जो हुआ फेल तो ओयेपेजेस पर पींग बढ़ायेंगे|
एक-दूजे के दिल का डाटा आपस में शेयर करायेंगे,
फिर हम दोनों दूर के पंछी एक डाल के हो जायेंगे|
की-बोर्ड और उँगलियों जैसा होगा हमारा प्यार,
बिन तेरे मैं बिना मेरे तू होगी बस बेकार|
फिर हम आजाद पंछी शादी के सी पी यू में बन्ध जायेंगे,
इस दुनिया से दूर डिजिटल की धरती पे घर बनाएँगे|
फिर हम दोनों प्यासे-प्रेमी नजदीक से नजदीकतर आते जायेंगे,
जुड़े हुए थे अब तक सॉफ्टवेयर से अब हार्डवेयर से जुड़ जायेंगे|
तेरे तन के मदरबोर्ड पर जब हम दोनों के बिट टकराएँगे,बिट से बाइट्स,
 फिर मेगा बाइट्स फिर गीगा बाइट्स बन जायेंगे|
ऐसी आधुनिक तकनीकयुक्त बच्चे जब इस धरती पर आयेंगे,
सच कहता हूँ आते ही इस दुनिया में धूम मचाएंगे|
डाक्टर और नर्स सभी दांतों तले उंगली दबाएंगे,
होगे हमारे 3G बच्चे और याहू-याहू चिल्लायेंगे 


एक लड़का एक दवाई कि दुकान में गया और उसके मालिक से एक फ़ोन मिलाने कि आज्ञा ली. दुकान का मालिक चुपचाप उस लड़के कि बातचीत सुनने लगा .बालक ने एक महिला को फ़ोन मिलाया और बोला , " क्या आप मुझे अपना बगीचा सफाई और लॉन काटने का काम दे सकती हैं ?"
इस पर वह महिला फ़ोन के दूसरी ओर से बोली ," मेरे लॉन कि कटाई का काम पहले से कोई कर रहा है . बालक , " किन्तु ,मैं आपके लॉन कि कटाई का काम उससे आधे दाम पर करने के लिए तैयार हूँ ."
महिला , " जो लड़का मेरे लॉन की कटाई का काम कर रहा है , मैं उसके काम से पूरी तरह संतुष्ट हूँ . "
इस पर वह बालक ओर अधिक निश्चय पूर्वक बोला , " मैं आप के लॉन के चारों ओर का रास्ता भी साफ़ कर दिया करूँगा ओर आप के घर के बाहर के शीशे
भी साफ़ कर दिया करूंगा ."

महिला बोली ," नहीं , मुझे किसी की आवश्यकता नहीं है ,धन्यवाद ," यह सुन कर वह बालक मुस्कुराया ओर उसने फोन रख दिया ."

दुकान का मालिक जो कि उस लड़के कि बातचीत सुन रहा था , उसकी ओर आया ओर बोला ,"बेटा ,मुझे तुम्हारा आत्मविश्वास ओर सकारात्मक दृष्टिकोण देख कर बहुत अच्चा लगा . मुझे तुम्हे नौकरी पर रख कर वास्तव मैं ख़ुशी होगी .क्या तुम मेरे लिए काम करना पसंद करोगे ?"इस पर वह बालक बोला ,"धन्यवाद,पर मैं कोई नौकरी नहीं करना चाहता ."
दुकान का मालिक बोला," लेकिन , बेटा तुम तो अभी-अभी फोन पर नौकरी के लिए गिडगिडा रहे थे ."
इस पर बालक बोला," नहीं महोदय , मैं तो केवल अपनी कार्यकुशलता का परीक्षण कर रहा था . दरअसल , जिस महिला को मैंने फोन किया था मैं उसी के लिए कार्य करता हूँ ."
वह आगे बोला," ओर , उससे बात करने के पश्चात यह जान कर मुझे बहुत अधिक आत्मसंतोष मिल रहा है कि वह महिला मेरे कार्य से पूर्ण रूप से संतुष्ट है ."
क्या हम लोग इस छोटे से बालक से आत्म निरीक्षण करने की प्रेरणा प्राप्त कर सकते हैं और कर सकते हैं अपने 
बुलंद संस्कार !


एक अमेरिकन बोला भाई
साहब बताइये
अगर आपका भारत महान
है..तो सँसार के
इतने आविष्कारों में आपके
देश का क्या योगदान है.??
हिन्दुस्तानी -
अरेअमरीकन सुन..
संसार की पहली फायर
प्रूफ लेडी भारत में
हुई.. नाम था "होलिका" आग में
जलती नही थी..
इसीलिए उस वक्त फायर
ब्रिगेड
चलती नही थी!!
संसार की पहली वाटर प्रूफ बिल्डिँग भारत में
हुई..
... नाम था भगवान विष्णु
का"शेषनाग"..
काम तो ऐसे
जैसे"विशेषनाग" दुनिया के पहले पत्रकार
भारत में हुए..
"नारदजी"
जो किसी राजव्यवस्था से
नही डरते थे .. तीनों लोक
की सनसनी खेज रिपोर्टिँग करते थे!!
दुनिया के पहले
कॉँमेन्टेटर"संजय" हुऐ
जिन्होंने नया इतिहास
बनाया ..
महाभारत के युद्ध का आँखो देखा हाल अँधे
"ध्रतराष्ट" को उन्ही ने
सुनाया !!
दादागिरी करना भी दुनिया हमने
सिखाया क्योंकि वर्षो पहले
हमारे"शनिदेव" ने ऐसा आतँक मचाया ..
कि "हफ्ता"
वसूली का रिवाज
उन्ही के
शिष्यो ने
चलाया..आजभी उनके शिष्यहर
शनिवार को आते है !
उनका फोटो दिखाकर
हफ्ता ले जाते है !!
अमेरिकन बोला दोस्त
फालतू की बातें मत बनाओ ! कोई ढँग
का आविष्कार
हो तो बताओ !!
(जैसे हमने इँसान
की किडनी बदल दी,
बाईपास सर्जरी कर दी आदि)
हिन्दुस्तानी बोला रे
अमरीकन
सर्जरी का तो आइडिया ही दुनिया कोहमने
दिया था !
तू ही बता "गणेशजी" का ऑपरेशन क्या तेरे
बाप ने किया था..!!
अमरीकन हडबडाया..
गुस्से मेँ बडबडाया!
देखते ही देखते
चलता फिरता नजर आया!! तब से
पूरी दुनिया को हम
पर मान है!!!
दुनिया में मुल्क कितने
ही हो पर सबमें
मेरा "भारत" महान
है......!!!


सीमा पे एक जवान जो शहीद हो गया,
संवेदनाओं केकितने बीज बो गया,
तिरंगे में लिपटी लाश उसकी घर पे आ गयी,
सिहर उठी हवाएँ, उदासी छा गयी,
तिरंगे में रखा खत जो उसकी माँ को दिख
गया,

मरता हुआ जवान उस खत में लिख गया,
बलिदान को अब आसुओंसेधोना नहीं है,
तुझको कसमहै माँ मेरी की रोना नहीं है।

मुझको याद आ रहा है तेरा उंगली पकड़ना,
कंधे पेबिठाना मुझे बाहों में जकड़ना,
पगडंडियों की खेतों पे मैं तेज़ भागता,
सुननेको कहानी तेरी रातों को जागता,
पर बिन सुने कहानी तेरा लाल सो गया,
सोचा था तूने और कुछ और हो गया,
मुझसा न कोई घर में तेरे खिलौना नहीं है,
तुझको कसमहै माँ मेरी की रोना नहीं है।

सोचा था तूने अपने लिए बहू लाएगी,
पोते को अपने हाथ सेझूला झुलाएगी,
तुतलाती बोली पोते की सुन न सकी माँ,
आँचल में अपनेकलियाँ तू चुन न सकी माँ,
न रंगोली बनी घर में न घोड़े पे मैं चढ़ा,
पतंग पे सवर हो यमलोक मैं चल पड़ा,
वहाँ माँ तेरे आँचल का तो बिछौना नहींहै,
तुझको कसमहै माँ मेरी की रोना नहीं है।

बहना से कहना राखी पे याद न करे,
किस्मत को न कोसे कोई फरियाद न करे,
अब कौन उसे चोटी पकड़ कर चिढ़ाएगा,
कौन भाई दूज का निवाला खाएगा,
कहना के भाई बन कर अबकी बार आऊँगा,
सुहाग वाली चुनरी अबकी बार लाऊँगा,
अब भाई और बहना में मेल होना नहीं है,
तुझको कसमहै माँ मेरी की रोना नहीं है।

सरकार मेरे नाम सेकई फ़ंड लाएगी,
चौराहों पे तुझको तमाशा बनाएगी,
अस्पताल स्कूलों के नाम रखेगी,
अनमोल शहादत का कुछ दाम रखेगी,
पर दलाओं की इस दलाली पर तू थूक देना माँ,
बेटे की मौत की कोई कीमत न लेना माँ,
भूखे भले मखमल पे हमको सोना नहीं है,
तुझको कसम है
माँ मेरी की रोना नहीं है !


जब मैं छोटा था, शायद दुनिया
बहुत बड़ी हुआ करती थी..
मुझे याद है मेरे घर से "स्कूल" तक का वो रास्ता, क्या क्या नहीं था वहां,

चाट के ठेले, जलेबी की दुकान,
बर्फ के गोले, सब कुछ,
अब वहां "मोबाइल शॉप",
"विडियो पार्लर" हैं, फिर भी सब सूना है..
शायद अब दुनिया सिमट रही है...

जब मैं छोटा था,
शायद शामें बहुत लम्बी हुआ करती थीं...
मैं हाथ में पतंग की डोर पकड़े, घंटों उड़ा करता था, वो लम्बी "साइकिल रेस", वो बचपन के खेल, वो हर शाम थक के चूर हो जाना,
अब शाम नहीं होती, दिन ढलता है
और सीधे रात हो जाती है.
शायद वक्त सिमट रहा है..
.

जब मैं छोटा था,

शायद दोस्ती बहुत गहरी हुआ करती थी,
दिन भर वो हुजूम बनाकर खेलना,
वो दोस्तों के घर का खाना, वो साथ रोना...
अब भी मेरे कई दोस्त हैं,
पर दोस्ती जाने कहाँ है,
जब भी "traffic signal" पे मिलते हैं "Hi" हो जाती है,
और अपने अपने रास्ते चल देते हैं,
होली, दीवाली, जन्मदिन,
नए साल पर बस SMS आ जाते हैं, शायद अब रिश्ते बदल रहें हैं..
.
जब मैं छोटा था,
तब खेल भी अजीब हुआ करते थे,
छुपन छुपाई, लंगडी टांग,
पोषम पा, कट केक,
टिप्पी टीपी टाप.
अब internet, office,
से फुर्सत ही नहीं मिलती..
शायद ज़िन्दगी बदल रही है.

जिंदगी का सबसे बड़ा सच यही है..
जो अक्सर कबरिस्तान के बाहर
बोर्ड पर लिखा होता है...
"मंजिल तो यही थी,
बस जिंदगी गुज़र गयी मेरी
यहाँ आते आते
.ज़िंदगी का लम्हा बहुत छोटा सा है...
कल की कोई बुनियाद नहीं है
और आने वाला कल सिर्फ सपने में ही है..
अब बच गए इस पल में..
तमन्नाओं से भरी इस जिंदगी में
हम सिर्फ भाग रहे हैं..
कुछ रफ़्तार धीमी करो,
मेरे दोस्त,

और इस ज़िंदगी को जियो...
खूब जियो मेरे दोस्त


नई-नई शादी के बाद तीन देशों की पत्नियाँ आपस में मिलती हैं –
अमरीकन पत्नि – सुहाग रात को मैंने पति से कहा झाड़ू,पोंछा, खाना पकाना, कपड़े-बर्तन धोना ये सब मैं नहीं करुंगी।अगले दिन पति नज़र नहीं आया,दूसरे दिन पति नजर नहीं आया,तीसरे दिन इन सब कामों की मशीनों के साथदिखाई दिया।रुसी पत्नि – मैंने भी पति से ऐसा ही कहा।अगले दिन पति नज़र नहीं आया,दूसरे दिन पति नजर नहीं आया,तीसरे दिन इन सब कामों की नौकरानियों के साथ दिखाई दिया।भारतीय पत्नि – मैंने भी अपने पति से ठीक ऐसे ही कहा था।अगले दिन पति नज़र नहीं आया,दूसरे दिन भी पति नजर नहीं आया,तीसरे दिन में बाँयी आँख से थोड़ा-थोड़ा पति दिखना शुरु हुआ।(पति ने जमकर धुलाई की)


पिताजी कोई किताब पढने में व्यस्त थे , पर उनका बेटा बार-बार आता और उल्टे-सीधे सवाल पूछ कर उन्हें डिस्टर्ब कर देता .पिता के समझाने और डांटने का भी उस पर कोई असर नहीं पड़ता.तब उन्होंने सोचा कि अगर बच्चे को किसी और काम में उलझा दिया जाएतो बात बन सकती है. उन्होंने पास ही पड़ी एक पुरानी किताब उठाई और उसके पन्ने पलटने लगे. तभी उन्हें विश्व मानचित्र छपा दिखा, उन्होंने तेजी से वो पेज फाड़ा और बच्चे को बुलाया – ” देखो ये वर्ल्ड मैप है , अब मैं इसे कई पार्ट्स में कट कर देता हूँ , तुम्हे इन टुकड़ों को फिर से जोड़कर वर्ल्ड मैप तैयार करना होगा.”... और ऐसा कहते हुए उन्होंने ये काम बेटे को दे दिया.बेटा तुरंत मैप बनाने में लग गया और पिता यह सोच कर खुश होने लगे की अब वो आराम से दो-तीन घंटे किताब पढ़ सकेंगे .लेकिन ये क्या, अभी पांच मिनट ही बीते थे कि बेटा दौड़ता हुआ आया और बोला , ” ये देखिये पिताजी मैंने मैप तैयार कर लिया है .”पिता ने आश्चर्य से देखा , मैप बिलकुल सही था, – ” तुमने इतनी जल्दी मैप कैसे जोड़ दिया , ये तो बहुत मुश्किल काम था ?”” कहाँ पापा, ये तो बिलकुल आसान था, आपने जो पेज दिया था उसके पिछले हिस्से में एक कार्टून बनाथा , मैंने बस वो कार्टून कम्प्लीट कर दिया और मैप अपने आप ही तैयार हो गया.”, और ऐसा कहते हुए वो बाहर खेलने के लिए भाग गयाऔर पिताजी सोचते रह गए .Friends , कई बार life की problems भी ऐसी ही होती हैं, सामने से देखने पर वो बड़ी भारी-भरकम लगती हैं , मानो उनसे पार पान असंभव ही हो , लेकिन जब हम उनका दूसरा पहलु देखते हैं तो वही problems आसान बन जाती हैं, इसलिए जब कभी आपके सामने कोई समस्या आये तो उसे सिर्फ एक नजरिये से देखने की बजाये अलग-अलग दृष्टिकोण से देखिये , क्या पता वो बिलकुल आसान बन जाएं !


माता कब की ''ममी'' बना दी, पिता को बना डाला ''डेड''
छोड़ छाड़ के सादी रोटी, खुश रहते सब खाकर ''ब्रेड''
भाई बन गए कब के ''ब्रो'', बहन हो चुकी है अब ''सिस''
संस्कारों की तो पूछो ही मत, जाने कहाँ हो रहे ''मिस''
ताई, चाची, बुआ, मामी, सभी बन गई ''आंटी''
ताऊ, चाचा, फूफा, मामा, के गले में पड़ी ''अंकल'' की घंटी.
यार दोस्त भी अब तो बन बैठे हैं सारे ''ड्यूड''
माँ-बाप अगर टोकें, बालक बोलें होकर ''रयुड''
बच्चों को अब नहीं पसंद पुराना ''पैजामा''
वाट्ज-अप बोलें भूल गए ''रामा-रामा''.
अंग्रेज तो चले गए यहाँ से कब के, छोड़ गए अपनी संस्कृति की ''डब्बी''
बस अब और सहा नहीं जाता, अच्छे भले पति को जब बोलें ''हब्बी''...