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*********फैशन-परस्त*********
फैशन- परस्त प्रेमियों की होड़ देखिये
हर सजा वो फैशन में भुगतने लगे है
पुरूष बने नारी, नारी ने त्यागी साड़ी
नवयुग निर्माण का ये जोर देखिये, फैशन- परस्त प्रेमियों की होड़ देखिये
लंबे केश भा गए पुरूष को
बॉब कट में आ गई नारी
चेहरे की बर्जिश करके बूढे भी जवां बनते
रंगते है उजले बालों को रसायन के मसालों से
पलभर ना जुदा करते चेहरे को आईने से ये
फैशन मैं इन बेचारों को ओर देखिये, फैशन परस्त प्रेमियों की होड़ देखिये
बच्चे, जवां, बूढे भी
खड़े एकता की क्यू में
चांस मिलने के इन्तजार में
खड़े ब्यूटी बाजार में
ब्यूटी पार्लर की लम्बी कतार देखिये, फैशन परस्त प्रेमियों की होड़ देखिये
हाय डैड बनाया पिता को
माँ को बनाया मम्मी से मामा
बनेगे क्या मामा अभी तक न जाना
पहुचने लगे जब फैशन की सतह में वो
डार्लिंग की खिचडी बनी हर जगह में
कलयुग के इन बीमारों की ओर देखिये, फैशन परस्त प्रेमियों की होड़ देखिये
कुं विजेंद्र शेखावत
सिंहासन


अब भी क्षत्रिय तुम उठते नहीं
अब भी क्षत्रिय तुम उठते नहीं फिर आखिर उठके करोगे क्या ?
वीरों का जीना जीते नहीं बकरों की मौत मरोगे क्या ?
जौहर की ज्वाला धधकेगी पानी में डूब मरोगे क्या |
युग पलटा है प्रणाली पलटी रोना पलटा हुंकारों में
पानी जो गया पातालों में अब पलटेगा तलवारों में
पलटे दिन की रणभेरी है उसको अनसुनी करोगे क्या ?
युग युग से हुंके उठती है चितौड़ दुर्ग दीवारों से
हिन्दू क्या रोते पृथ्वी रोती आंसू पड़ते तारों से
वे केसरिया बन जूझे थे तुम पीठ दिखा भागोगे क्या ?
शक्ति शौर्य जो पास नहीं तो विजय नहीं जयकारों में
निर्बल की नैया डगमग करती दोष कहाँ पतवारों में
अब बाहूबल संचित करने भी धीरे कदम रखोगे क्या ?
शिवी ने शरणागत खग को बचाने मांस निज काट दे दिया था |
गौरक्षा हित तेरा पूर्वज स्वयं समर्पित हो गया था
अब मरने की बेला आएगी आँखे बंद करोगे क्या ?
धर्म भ्रष्ट कर्तव्यहीन बन जग में भी जिवोगे क्या ?
अपने हाथों से घर जलवा कर रस्ते पर लौटोगे क्या ?
रे प्राण गए तो देह नाश से कभी बचा पावोगे क्या ?



    • सुख को कनको उड़तो कीया काण राख दी काणै में |

      खोयो ऊँट घडै मै ढूडै कसर नहीं है स्याणै में ||

      भूल चूक सब लेणी देणी ठग विद्या व्यापार करयो |

      एक काठ की हांडी पर ही दळियो सौ बर त्यार करयो ||

      बस पङता तो एक न छोड्यो च्यारू मेर सिवाणै मै |

      खोयो ऊँट घडै में ढूँढे कसर नहीं है स्याणै मै




      डाकण बेटा दे या ले , आ भी बात बताणी के |

      तेल बड़ा सू पैली पीज्या बां की कथा कहाणी के ||

      भोळा पंडित के ले ले भागोत बांच कर थाणै मे |

      खोयो ऊंट घडै मे ढूंढै क़सर नहीं है स्याणै में |



      जका चालता बेटा बांटै ,बै नितकी प्रसिद्ध रैया |

      बिगड़ी तो बस चेली बिगड़ी संत सिद्ध का सिद्ध रैया ||

      नै भी सिद्ध रैया तो कुण सो कटगो नाक ठिकाणै मे ||

      खोयो ऊंट घडै मे ढूंढै क़सर नहीं है स्याणै में |



      बडै चाव सूँ नाम निकाल्यो , होगो घर हाळा भागी |

      लगा नाम कै बट्टो खुद कै लखणा बणरयो निर भागी |

      तूं उखडन सूँ नहीं आपक्यो थकग्यो गाँव जमाणै में |

      खोयो ऊंट घडै मे ढूंढै क़सर नहीं है स्याणै में |


      विजेंद्र शेखावत
      सिंहासन