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    • सुख को कनको उड़तो कीया काण राख दी काणै में |

      खोयो ऊँट घडै मै ढूडै कसर नहीं है स्याणै में ||

      भूल चूक सब लेणी देणी ठग विद्या व्यापार करयो |

      एक काठ की हांडी पर ही दळियो सौ बर त्यार करयो ||

      बस पङता तो एक न छोड्यो च्यारू मेर सिवाणै मै |

      खोयो ऊँट घडै में ढूँढे कसर नहीं है स्याणै मै




      डाकण बेटा दे या ले , आ भी बात बताणी के |

      तेल बड़ा सू पैली पीज्या बां की कथा कहाणी के ||

      भोळा पंडित के ले ले भागोत बांच कर थाणै मे |

      खोयो ऊंट घडै मे ढूंढै क़सर नहीं है स्याणै में |



      जका चालता बेटा बांटै ,बै नितकी प्रसिद्ध रैया |

      बिगड़ी तो बस चेली बिगड़ी संत सिद्ध का सिद्ध रैया ||

      नै भी सिद्ध रैया तो कुण सो कटगो नाक ठिकाणै मे ||

      खोयो ऊंट घडै मे ढूंढै क़सर नहीं है स्याणै में |



      बडै चाव सूँ नाम निकाल्यो , होगो घर हाळा भागी |

      लगा नाम कै बट्टो खुद कै लखणा बणरयो निर भागी |

      तूं उखडन सूँ नहीं आपक्यो थकग्यो गाँव जमाणै में |

      खोयो ऊंट घडै मे ढूंढै क़सर नहीं है स्याणै में |


      विजेंद्र शेखावत
      सिंहासन

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