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हम भूल चुके है हाँ

हम भूल चुके है जिस पीड़ा को उसको फ़िर उकसानी है |

केसरिया झंडा सुना रहा है हमको अमर कहानी ||

ऋषि मुनियों की जन्म भूमि यह भारत इसका नाम

देवों की अवतार भूमि यह सतियों का प्रिय धाम

दूर देश से भिक्षुक आते थे विद्या के काम

इतिहास बताते हाँ ---

इतिहास बताते भारत के वेदों की अमर कहानी |

केसरिया झंडा सुना रहा है हमको अमर कहानी ||

यवनों का अधिकार हुवा रिपुओं की सब कुछ बन आई

धर्म त्याग जो नही किया तो खाले उनकी खिचवाई

वेद जलाये देवालय तोडे मस्जिद वहां पे बनवाई

भारत का जर्रा हाँ ---

भारत का जर्रा -जर्रा कहता वीरों की नादानी |

केसरिया झंडा सुना रहा है हमको अमर कहानी ||

नादिरशाही हुक्म चला था कट गए थे सिर लाखों

देश धर्म की बलिवेदी पर शीश चढ़े थे लाखों

दिल्ली के तख्त पलटते हमने देखे थे इन आंखों

नही सुनी तो हाँ --

नही सुनी तो फ़िर सुनले हम वीरों की कुर्बानी |

केसरिया झंडा सुना रहा है हमको अमर कहानी ||

मुगलों ने जब किया धर्म के नाम अनर्थ अपार

चमक उठी लाखों बिजली सी राजपूती तलवार

और सुनो हल्दी घाटी में बही रक्त की धार

हर -हर की ध्वनी में हाँ--

हर-हर की ध्वनी में सुनते है वह हुँकार पुरानी |

केसरिया झंडा सुना रहा है हमको अमर कहानी ||



काबुल को फतह किया पर नही मस्जिद तुडवाई

अत्याचारी गौरी की भी गर्दन कहाँ कटाई

अरे विदेशी शत्रु को भी हमने माना भाई

बुझते दीप शिखा की हाँ---

बुझते दीप शिखा की हमको फ़िर से ज्योति जगानी

केसरिया झंडा सुना रहा है हमको अमर कहानी ||

याद हमें है दुर्गादास और वह सांगा रणधीर

याद हमें है सोमनाथ भी और बुंदेले वीर

याद हमें है हल्दी घाटी और हठी हमीर

याद हमें है हाँ--

याद हमें है रण में जूझी वह हाड़ी महारानी |

केसरिया झंडा सुना रहा है हमको अमर कहानी ||

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